देश से बाहर हेज फंड स्थापित करने के मामले में केमैन आइलैंड का नाम दुनिया में पहले नंबर पर आता है। इसका टैक्स-न्यूट्रल प्लेटफॉर्म, स्थिर अर्थव्यवस्था, व्यवहार-कुशल बैंकिंग क्षेत्र, गोपनीयता और पेशेवर वित्तीय सेवा उद्योग ये तो बस कुछ कारण हैं, जिनकी वजह से यह दुनिया भर के हेज फंड प्रबंधकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

हमने कुछ महत्वपूर्ण बातों की एक रूपरेखा तैयार की है, जिन पर हेज फंड स्थापित करते समय विचार किया जाना चाहिए; साथ में प्रासंगिक दस्तावेज़ और नियमों का संक्षिप्त विवरण भी दिया है। ताकि केमैन आइलैंड उनके फंड के लिए सही विकल्प है या नहीं यह तय करने में फंड प्रबंधकों को मदद मिले।

महत्वपूर्ण बातें

1. आपको किस तरह की फंड संरचना चुननी चाहिए?

हेज फंड आम तौर पर ओपन-एंडेड फंड होता है, यानि निवेशक समय-समय पर अपनी ज़रूरत अनुसार रिडेम्प्शन कर सकते हैं। इसलिए, रिडेम्प्शन की ऐसी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए फंड में हमेशा पर्याप्त नकदी और लिक्विड एसेट उपलब्ध रहने चाहिए।
फंड प्रबंधकों को इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि क्या वे अपने ओपन-एंडेड फंड पर लॉक-इन अवधि लागू करना चाहते हैं, जिस अवधि के दौरान निवेशक शेयर बेच नहीं पाएँगे। लॉक-इन अवधि होने से फंड प्रबंधक फंड के शुरुआती समय में सभी सब्स्क्रिप्शन के पैसों का निवेश कर सकता है; इस दौरान उसे रिडेम्प्शन के अनुरोध को पूरा नहीं करना पड़ेगा। हालाँकि, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि लॉक-इन अवधि इतनी भी लंबी न हो कि फंड प्रभावी रूप से एक क्लोज़-एंडेड फंड बन जाए।

2. छूट प्राप्त कंपनियाँ / अलग-अलग पोर्टफोलियो वाली कंपनियाँ

केमैन आइलैंड में हेज फंडों को अक्सर छूट प्राप्त कंपनियाँ माना जाता है। हालाँकि, विभिन्न प्रकार के निवेशकों की कुछ खास ज़रूरतें या प्राथमिकताएँ, चाहे वे बाज़ार के व्यवहार, कर निर्धारण या अन्य विचारों को प्रतिबिंबित करती हों, वास्तविक फंड माध्यम या इस्तेमाल किए गए माध्यमों को निर्धारित कर सकती हैं।
अलग-अलग पोर्टफोलियो वाली कंपनियों (एसपीसी) को एशियाई फंड प्रबंधकों के लिए एक उपयुक्त विकल्प माना जा सकता है। एसपीसी के लिए केमैन कानून के तहत, परिसंपत्तियों और देनदारियों को इसके अलग-अलग पोर्टफोलियो के बीच भिन्न-भिन्न पूल में बांटा जा सकता है। इससे एक जैसा ही परिणाम प्राप्त करने के लिए एक-एक कंपनी के निगमन के खर्च से बचा जा सकता है। एसपीसी अंतर्गत, एक ही निवेशक द्वारा ऐसे पोर्टफोलियो बनाना संभव है, जो प्रत्येक प्रासंगिक निवेशक की खास ज़रूरतों को सावधानीपूर्वक पूरा करते हों।

3. सीमित देनदारी कंपनी

एक विकल्प यह भी है कि फंड को एक सीमित देनदारी कंपनी (लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी, एलएलसी) के रूप में स्थापित किया जाए। एलएलसी में साझेदारी के लचीलेपन के साथ एक कंपनी की कई विशेषताएँ शामिल होती हैं। एलएलसी का गठन एक सदस्य द्वारा भी किया जा सकता है। प्रत्येक सदस्य को एक एलएलसी लाभ मिलेगा, जैसे कि पूंजीगत मतदान अधिकार और लाभांश प्राप्त करने का अधिकार। अमेरिकी निवेशकों को आकर्षित करने वाले हेज फंडों के लिए मास्टर-फीडर स्ट्रक्चर में फीडर माध्यम के रूप में एलएलसी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

4. शेयरों की श्रेणीयाँ

उदाहरण के लिए, अगर फंड एक छूट प्राप्त कंपनी है, तो वह आमतौर पर दो प्रकार के शेयर जारी करेगा: वोटिंग और गैर-वोटिंग। वोटिंग शेयर (प्रबंधन शेयर) रीडीम नहीं किए जा सकते हैं, इनके लिए आर्थिक अधिकार नहीं दिए जाते हैं, लेकिन इनमें महत्वपूर्ण शेयरधारक मतदान अधिकार होगा और ऐसे शेयर फंड प्रायोजक या प्रबंधक के पास होते हैं। गैर-वोटिंग शेयर (भागीदारी शेयर) निवेशकों के पास होते हैं और इससे उन्हें केवल फंड के लाभ में हिस्सा मिलता है।

नियम

एक ओपन-एंडेड फंड केमैन आइलैंड के म्यूचुअल फंड अधिनियम (एमएफए) के प्रयोजनों के तहत एक म्यूचुअल फंड होगा और केमैन आइलैंड मौद्रिक प्राधिकरण (सीआईएमए) द्वारा विनियमित होगा। हेज फंड के लिए, इसका मतलब आमतौर पर इसे इस आधार पर “रजिस्टर्ड” फंड के रूप में विनियमित किया जाना होता है कि किसी निवेशक द्वारा न्यूनतम शुरुआती सब्स्क्रिप्शन CI$ 80,000 (लगभग यूएस$ 100,000) से कम नहीं होगी। 15 या उससे कम निवेशकों वाला ओपन-एंडेड फंड, जिनके पास निदेशकों को नियुक्त करने और हटाने का अधिकार होता है, भी एमएफए के तहत सीआईएमए द्वारा विनियमन के अधीन होगा।

केमैन आइलैंड के मास्टर फंड ओपन-एंडेड फंड होते हुए एक विनियमित फीडर फंड की निवेश योजना को पूरा करने के लिए अपने पास निवेश रखते हैं और ट्रेडिंग करते हैं; इन्हें भी एमएफए के तहत विनियमित किया जाता है। एक रजिस्टर्ड फंड को एक फंड प्रबंधक, एक ऑडिटर, एक संरक्षक/ब्रोकर और कम से कम दो निदेशकों को (इनके लिए केमैन आइलैंड का निवासी होना आवश्यक नहीं है) नियुक्त करना होता है।

निगमन

फंड का केमैन आइलैंड में एक रजिस्टर्ड ऑफिस होना चाहिए। हमारा संबद्ध सेवा प्रदाता, कॉनयर्स क्लाइंट सर्विसेज़, इसमें आपकी मदद कर सकता है।
कॉनयर्स क्लाइंट सर्विसेज़ केमैन आइलैंड की एक छूट प्राप्त कंपनी के रूप में फंड के निगमन और प्रबंधन में आपकी मदद करेगी। आमतौर पर केमैन रजिस्ट्रार को प्रस्तुत करने के 48 घंटों के भीतर निगमन को अंतिम रूप दे दिया जाता है। हालाँकि, निगमन प्रमाणपत्र और संस्थापन प्रलेख और संस्था के अंतर्नियम की प्रतियों के लिए 7-10० काम-काजी दिन लग सकते हैं, यदि उपलब्ध तेज़ी से काम करने वाली प्रक्रिया का इस्तेमाल न किया जाए।

फंड का दस्तावेज़ीकरण

हेज फंड पेश करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों में ये दस्तावेज़ शामिल होंगे:

  •  केमैन आइलैंड में निगमित की गई एक छूट प्राप्त कंपनी के लिए संस्थापन प्रलेख और संस्था के अंतर्नियम (एमएंडए) हमारे मानक एमएंडए होंगे। बाद में फंड की पेशकश के प्रावधानों और अन्य लागू संशोधनों को शामिल करने के लिए उनमें सुधार किया जाएगा।
  • प्राइवेट प्लेसमेंट मेमोरेंडम (पीपीएम) सहभागी शेयरों के बारे में सभी प्रासंगिक विवरण प्रदान करता है, ताकि संभावित निवेशक निवेश उद्देश्यों और लागू जोखिम कारकों सहित सब्स्क्रिप्शन संबंधी एक सूचित निर्णय ले सकें।
  • म्यूचुअल फंड एप्लिकेशन फॉर्म, जिसमें एक विनियमित म्यूचुअल फंड के रूप में रजिस्ट्रेशन के लिए सीआईएमए द्वारा निर्धारित विवरण दिया गया होता है।
  • विभिन्न सेवा प्रदाता समझौते जैसे कि, जहाँ प्रबंधक नियुक्त किए गए हों, वहाँ फंड और प्रबंधक के बीच एक प्रबंधन समझौता, प्रबंधक और सलाहकार के बीच एक सलाहकार समझौता, तथा फंड संचालन समझौता और प्राइम ब्रोकर/संरक्षक समझौता।
  • एक सब्स्क्रिप्शन फॉर्म (सहभागी शेयरों के लिए सब्स्क्रिप्शन लेने वाले निवेशकों के लिए) और एक रिडेम्प्शन फॉर्म (जब निवेशक शेयरों को रीडिम करना चाहते हैं)।
  • एक CIMAConnect हलफनामा, जो सीआईएमए के साथ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज़ फाइल करने से संबंधित है।
  • फंड के लिए निदेशकों और शेयरधारकों के लिखित संकल्प, जिसमें अन्य मामलों के अलावा फंड के एमएंडए, पीपीएम, सेवा प्रदाता समझौते की स्वीकृति का समावेश होता है।

अंत में, केमैन आइलैंड के निदेशक पंजीकरण और लाइसेंसिंग अधिनियम के तहत एमएफए के अंतर्गत किसी भी विनियमित म्यूचुअल फंड के निदेशकों को सीआईएमए के साथ रजिस्टर करना ज़रूरी होगा।

The content of this article is intended to provide a general guide to the subject matter. Specialist advice should be sought about your specific circumstances.